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कविता

मुझ से पहले वहाँ केवल रेगिस्तान थे

मस्सेर येनलिए

अनुवाद - रति सक्सेना


वे मेरी देह को लाश की तरह खा रहे थे... मैंने देखा
लेकिन यह नहीं कहा कि 'मेरे लिए जमीन लाओ'
अपने को आग के आस पास पाया
मैंने जमीन में जाते वक्त अपने को मोड़ लिया
उन्होंने अपने हाथों में मुट्ठी भर रेत इक्कट्ठी की
रात को मैं जानवरों के पदचिह्नों पर सोई
मेरी देह लहरों पर थी
पर्दे के भीतर, मेरी आँखों ने दुनिया को पाया
हालाँकि मैं रात के देसिरिन के रेगिस्तान की बद्दू रेगिस्तानी हूँ
          मेरे दिमाग में खजूर टपकते हैं
                   ऊँट के कूबड़ की तरह
                            और उड़ गए
                   जब रेत खत्म हुई

मेरे कानों को आवाज सुनाई नहीं दी

सहारा रेगिस्तान जैसी विशाल
                       मैंने अपने दिल में झाँका

 


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